बच्चों को जौ कैसे खिलाएं?
हाल ही में, शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए पूरक खाद्य पदार्थों का पोषण मिश्रण एक गर्म विषय बन गया है। विशेष रूप से, एक स्वस्थ घटक के रूप में जौ ने माता-पिता का बहुत ध्यान आकर्षित किया है। यह लेख पिछले 10 दिनों में इंटरनेट पर मौजूद चर्चित सामग्री को मिलाकर माता-पिता को शिशुओं के लिए जौ खाने के बारे में विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान करेगा, जिसमें पोषण मूल्य, उपयुक्त उम्र, तैयारी के तरीके और सावधानियां शामिल हैं।
1. जौ का पोषण मूल्य

जौ विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर है और बच्चों के लिए पूरक भोजन के रूप में उपयुक्त है। जौ की मुख्य पोषण संरचना सूची निम्नलिखित है:
| पोषण संबंधी जानकारी | सामग्री (प्रति 100 ग्राम) |
|---|---|
| प्रोटीन | 12.8 ग्राम |
| आहारीय फाइबर | 2.0 ग्रा |
| विटामिन बी1 | 0.22 मिलीग्राम |
| कैल्शियम | 42 मिलीग्राम |
| लोहा | 3.6 मिलीग्राम |
2. बच्चों के लिए जौ खाने की उचित उम्र
बाल रोग विशेषज्ञों की सिफ़ारिश के अनुसार जौ उपयुक्त है8 महीने या उससे अधिकबच्चों के खाने के लिए. इसे पहली बार डालते समय यह देखना जरूरी है कि बच्चे को एलर्जी तो नहीं है। इसे थोड़ी मात्रा से शुरू करने और धीरे-धीरे बढ़ाने की सलाह दी जाती है।
3. जौ आहार अनुपूरक बनाने की विधि
शिशुओं के लिए जौ का पूरक भोजन तैयार करने के तीन तरीके निम्नलिखित हैं:
| रेसिपी का नाम | सामग्री | उत्पादन चरण |
|---|---|---|
| जौ और कद्दू दलिया | 30 ग्राम जौ, 50 ग्राम कद्दू | 1. जौ को 2 घंटे पहले भिगो दें; 2. कद्दू को टुकड़ों में काट लें और भाप में पकाएं; 3. जौ पक जाने के बाद इसमें कद्दू की प्यूरी डालकर अच्छी तरह मिला लें. |
| जौ और लाल खजूर का पेस्ट | 20 ग्राम जौ, 3 लाल खजूर | 1. जौ और लाल खजूर को नरम होने तक उबालें; 2. कोर निकालें और फेंटकर पेस्ट बना लें। |
| जौ और रतालू की प्यूरी | 15 ग्राम जौ और 50 ग्राम रतालू | 1. जौ पकाएं; 2. रतालू को भाप दें और इसे जौ के साथ मिलाकर प्यूरी बना लें। |
4. सावधानियां
1.एलर्जी परीक्षण:पहली बार जौ डालते समय, आपको यह देखना होगा कि क्या आपके बच्चे को दाने या दस्त जैसी एलर्जी प्रतिक्रियाएं हैं।
2.उचित मात्रा का सिद्धांत:बस हफ्ते में 2-3 बार इसका सेवन करें। इसके अधिक सेवन से अपच की समस्या हो सकती है.
3.खाना पकाने की विधि:बड़े कणों के कारण दम घुटने से बचने के लिए इसे नरम होने तक पकाना सुनिश्चित करें।
4.युग्मित सुझाव:पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने के लिए इसे कद्दू और रतालू जैसी हल्की सामग्री के साथ जोड़ा जा सकता है।
5. हाल के चर्चित विषय
1.#शिशु और छोटे बच्चों के लिए मोटा भोजन जोड़ने की मार्गदर्शिका#: विशेषज्ञ 8 महीने की उम्र से धीरे-धीरे साबुत अनाज देने की सलाह देते हैं।
2.#शरद ऋतु शिशु स्वास्थ्य नुस्खा#: जौ अपने निरार्द्रीकरण गुणों के कारण शरद ऋतु में एक लोकप्रिय पूरक भोजन बन गया है।
3.#एलर्जिकबेबीडाइटमैनेजमेंट#: जौ एक हाइपोएलर्जेनिक भोजन के रूप में ध्यान आकर्षित कर रहा है।
वैज्ञानिक और उचित संयोजन के माध्यम से, जौ बच्चे के पूरक भोजन में पोषण संबंधी भूमिका निभा सकता है। यह अनुशंसा की जाती है कि माता-पिता अपने बच्चे की व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार व्यंजनों को समायोजित करें और आहार प्रतिक्रियाओं पर ध्यान देना जारी रखें।
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